Wednesday, May 12, 2010


जहाँ की तलब है , निगाहों की प्यास है
बेदीद मुहब्बत का ये अंदाज़ ख़ास है
]इक नशा है मस्ती है
बेखुदी का आलम तारी है
मुहब्बत बड़ी या खुदा,
ये जंग जारी है
सांस बाकी हैं
दिलो जान , सब तुम्हारे है
नज़र मेरी है नज़ारे सब तुम्हारे है
शेरों की ताब हो,ग़ज़ल की रूह हो तुम
नज़र मे हो पर निगाहों से दूर हो तुम
जान मे रवां हो , दिल मे गुरूब हो तुम
कुदरत तुम्हारी है,शिद्दत तुम्हारी है
हस्ती तुम्हारी, और फुरकत तुम्हारी है
तुमसे ही गुज़र जाते है सब सेहर ओ शाम
हर सांस की जान मे तुम हो तमाम
तुम्ही को देखता हूँ, तुम्ही को जीता हूँ
तुम मुझमे समाई हो, फिर भी मैं रीता हूँ
ये तसव्वुर ये एहसास ये पेशीनगोई
बार बार यही कह जाती......
मुज तुमसे मुहब्बत है , मुहब्बत है, मुहब्बत है ..........

1 comment:

  1. [5:56PM, 4/12/2014] Rehi Rohit Sharma: Nadaan tamanna hasti thi
    Koi tadpan ka tyohaar raha
    Ye hriday dhadakta tanha fir
    Ishq to mujh p udhaar raha
    [5:59PM, 4/12/2014] Rehi Rohit Sharma: Ye shaanjh sisakti beet gyi
    Ab raat khdi he muh baaye
    Chubhti yaade Bn shoolo c
    Phoolo ka ye vyvhaar rha
    [6:10PM, 4/12/2014] Rehi Rohit Sharma: Sapno SB Reet gye thk k
    Jb talak na nayan me neend rahi
    Jalti bujhti ummeedo Sa
    Swapn yahi saakaar RHA..
    Tadpan ka tyohaar rha

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